
सीखें, हल करें और चमकें - खेल खेल में भगवद गीता 5-12 के लिए part-3
हर कोई जानता है लक भगवद गीता एक गहन दाशगलनक पुस्तक है, जो ज्ञान और जलटल लवचारों से भरी है। इसे अक्सर लवद्वानों और वयस्ों के ललए एक लकताब के रूप मेंदेखा जाता है, कु छ ऐसा जो बच्ों और बच्ों की पहंच से परे लगता है। लेलकन क्या होगा अगर भगवद गीता की शाश्वत लशिाओं को 5-12 वर्ग की आयु के बच्े समझ सकें और उनका आनंद उठा सकें? भगवान कृ ष्ण के आशीवागद से मैंने अवसर का लाभ उठाया। मैंने भगवद गीता के प्रत्येक अध्याय को बोधगम्य अंश के रूप मेंप्रस्तुत लकया है, लजसका उद्देश्य माता- लपता और बच्ों दोनों को प्रश्ों में उलझाकर और भगवद गीता की लशिाओं को सुलभ और आनंददायक बनाकर आकलर्गत करना है। मेरा लमशन इस पुस्तक को हर आयुवगि के लोगो ं को पढ़ना है मेरा लक्ष्य यही हैपुस्तक शंखला (भाग 1-3) भगवद गीता को ऐसे तरीके से प्रस्तुत करना है जो मनोरंजक, सरल और सभी के ललए सुलभ हो। प्रत्येक अध्याय को मनोरंजक कहालनयों और संबंलधत उदाहरणों में बदलकर, मुझे आशा है लक मैं इसकी लशिाओं को बच्ों के ललए सुलभ बना सकूं गा और उनके ललए दू सरों के साथ साझा करना आसान बना सकूं गा। भगवद गीता का प्रत्येक अध्याय बोधगम्य अंशों के रूप में एक सरल कहानी में तब्ील हो गया है लजसे बच्े समझ सकते हैं। उदाहरण के ललए, आप काम और खेल को संतुललत करने के बारे में पढेंगे, जैसे लक अपने खेल के समय के साथ अपने होमवकग को संतुललत करना। आप सीखेंगे लक लसफग पुरस्ार के ललए नही ं बखि प्यार से काम करने से आप वास्तव में खुश क्यों हो सकते हैं। प्रत्येक कहानी के बाद, आपने जो सीखा है उसके बारे में सोचने में मदद