सुनीता का बदन देख कर लगता नहीं था कि वो 40 साल की है। उसका नंगा जिस्म और लंबी गोरी टाँगें और पैरों में गहरे ब्राऊन रंग के हाई हील के सैंडल देख कर ही मेरा लन्ड तन गया था। ‘आलोक! आज इसकी चूत और गाँड इतनी जोर-जोर से चोदो कि इसे नानी याद आ जाये कि मोटे और तगड़े लन्ड से चुदाने से क्या होता है।’ मिष्टी ने कहा।
मैंने सुनीता को बिस्तर पर लिटाकर उसकी टाँगों को घुटनों के बल मोड़ कर उसकी छाती पर रख दिया, और एक जबरदस्त झटके से अपना पूरा लन्ड उसकी चूत में पेल दिया। ‘ओहहहहह… आलोक… तुम्हारा लन्ड कितना मोटा और लंबा है। मेरी चूत को कितना अच्छा लग रहा है। डार्लिंग अब जोर से चोदो, फाड़ डालो इसे।’ वो मज़े लेते हुए बोल पड़ी। मैंने अपना लन्ड बाहर खींचा और जोर के झटके से अंदर डाल दिया।
‘याआआआआ हाँआँआँआँ ऐसे… एएएएए… चोदो…ओओओ, जोर से।’ उसके मुँह से सिसकरी भरी आवाज़ें निकल रही थी।