
Naari
नारी ( हौसले की परिभाषा) " यह पुस्तक समाज और उन सभी लड़कियों के लिए है जो खुद को एक शून्य मानती आई हैं। जिन्हे सही गलत का फर्क तो पता है पर वो डरती हैं इसीलिए सच्चाई से पीछे भागती हैं । बस इसीलिए मैंने अपने शब्दों के जरिये ये चाहा के में एक ऐसी पुस्तक लिखूँ जो हर लड़की पढ़े और ये जाने कहीं न कहीं वो कमज़ोर पड़ जाती है पर उसमे साहस होता है बस एक कदम बढ़ाने की देरी है अगर वो एक कोशिश करेगी तो हर जंग जीत लेगी कोई भी उसे कभी हरा नही पायेगा।
आशा करती हूँ, मेरी ये भावनाओं से भरी किताब आपको पसंद आये और आपके जीवन के लिए ये नई राह बना पाए।