Bed No. 16
मैं आकांक्षा, अत्यंत ही सरल प्रकृति की महिला हूँ , जो नित्य नवीन प्रयास करने हेतु तत्पर रहती हूँ। इस पुस्तक को लिखने का एकमात्र उद्देश्य यह है कि मैं अपने स्वर्गीय पिताजी को इस पुस्तक के माध्यम से श्रद्धांजलि देना चाहती हूँ, एवं उनको सभी के दिलो में चिरकाल तक बसाना चाहती हूँ और अपनी भावनाओं को प्रिय पाठकों तक पहुँचाना चाहती हूँ और मुझे लगता है की अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए भाषा कोई भी हो बस आपके दिल को छूनी चाहिए, कई दिनों के आत्ममंथन के बाद मैं अपनी भावनाओं को इस पुस्तक के माध्यम से व्यक्त कर पाई हूँ, आशा करती हूँ मेरी पुस्तक पढ़ कर हर बेटी को यह बल मिल सके की वह अपने पिता को एक अच्छा दोस्त मानकर अपनी भावनाएं उनके सामने ही व्यक्त कर सकें।