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Chuninda Kahanian by Surinder Rampuri (Punjabi to Hindi Translation by Subhash Neerav)

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“तुम्हारे अंदर सहनशक्ति बहुत है।”
“मैं जिन्न का बच्चा हूँ न।” मैं मुस्कराया।
“तुम तो देवता हो। तुम्हारा जिगरा बहुत बड़ा है।”
“क्या हो गया?”
“अभी भी पूछते हो कि क्या हो गया। तुम तो सब कुछ जानते थे। सब कुछ समझते थे। पर कभी मुँह से नहीं बोला।” वह फिर रोने लगी।
“मैं समझा नहीं।”
वह रोते-रोते ही बोली, “ऐसा न कहो। आप तो ऐसा न कहो। पता नहीं अगली घड़ी रहूँ, न रहूँ।”
“कुछ नहीं होता तुझे। तू ठीक हो जाएगी। बिल्कुल ठीक हो जाएगी। कितना बड़ा डॉक्टर तेरा इलाज कर रहा है। दवाई का हमने कभी नागा नहीं पड़ने दिया।”
“मुझे चैन की मौत मर जाने दो। मेरे साँस आसानी से निकल जाएँगे। तुम सब कुछ जानते थे। जानते-बूझते भी अनजान बने रहे। चुप रहे। मेरी हर गलती बिसरा दी। अब भी मेरी कितनी सेवा करते हो, कितनी देखभाल करते हो।”
“यह तो मेरा फर्ज़ है। तेरे बिना मेरा और है भी कौन।”
वह कुछ देर चुप रही। ठंडा श्वांस भर मेरी गोदी में रखा हुआ अपना सिर हिलाया और आहिस्ता-आहिस्ता बोलने लगी, “ऐसा आदमी कब मिलता है। देवता पुरुष। लोग तो बिना बात से ही आरोप लगाते रहते हैं। औरत के चलने-फिरने पर ही शक किए जाते हैं।”
मैं मुँह से कुछ न बोला। उसकी तरफ दे
खा। उसने मेरी आँखों में आए आँसू को देख लिया।
‘दीवारें’ कहानी से...

सुरिंदर रामपुरी (पंजाबी के वरिष्ठ कथाकार एवं कवि)
जन्म : 15 अक्तूबर, 1949, रामपुर, ज़िला-लुधियाना (पंजाब)
शिक्षा : एम.ए. पंजाबी।
प्रकाशित कृतियाँ : पंजाबी में अब तक बारह पुस्तकें प्रकाशित जिनमें छह
कहानी संग्रह – ‘पतझड़ मारे’ (1976), ‘खुरदी होंद’ (1982), ‘बेचैन हिंदसे’(1982), ‘पुन्नियाँ तों पहिलां’ (1998, 2012), ‘लुकण-मीची खेडदियां रिश्मां’ (2011), ‘सहिमी बुलबुल दा गीत’ (2019), एक संपादित संग्रह ‘हनेरी रात दा क़हिर’ (1978), दो कविता संग्रह -‘अग्ग नाल खेडदियां’ (2004) और ‘देहली ते बैठी उडीक’ (2014), एक रेखाचित्र की किताब ‘चंदन दे रुक्ख’ (2008) के साथ-साथ दो आलोचना की पुस्तकें ‘हसनपुरी जीवन ते रचना’ (1987), ‘बाबू सिंह चौहान - जीवन ते चौणवें गीत’ (2018)।
कहानी ‘उजाड़ दा सफ़र’ पर जालंघर दूरदर्शन द्वारा टेली फिल्म का निर्माण।
कहानी ‘ओहनां वेलियां दी गल्ल’ सी.बी.एस.ई. द्वारा बारहवीं के पाठ्यक्रम में सम्मिलित।
केन्द्रीय पंजाबी लेखक सभा, पंजाबी साहित्य अकादमी एवं पंजाबी लिखारी सभा, रामपुरा से सम्बद्ध रहने का लम्बा अनुभव।
पंजाबी की अनेक साहित्यिक संस्थाओं द्वारा सम्मानित।
संप्रति : पंजाब सरकार के उद्योग विभाग से सेवा-मुक्त।
संपर्क : गाँव व डाकखाना : रामपुर, ज़िला-लुधियाना, पंजाब -141418
ई मेल : surinderrampuri@gmail.com
फोन : 99156 34722

सुभाष नीरव (वास्तविक नाम : सुभाष चन्द्र) सुपरिचित कथाकार, कवि एवं अनुवादक। प्रकाशित कृतियाँ : छह कहानी संग्रह हिंदी में, एक कहानी संग्रह पंजाबी में – ‘सुभाष नीरव दीआं चौणवियां कहाणियाँ’। तीन लघुकथा संग्रह (‘कथा बिन्दु’, ‘सफर में आदमी’ और ‘बारिश तथा अन्य लघुकथाएँ’)। इसके अतिरिक्त दो कविता संग्रह, दो बाल कहानी संग्रह तथा हिन्दी कहानियों की तीन संपादित पुस्तकें। पंजाबी से 600 कहानियों और 40 साहित्यिक पुस्तकों (कहानी, उपन्यास, आत्मकथा और लघुकथा) का हिंदी में अनुवाद प्रकाशित जिनमें आठ पुस्तकें राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत से प्रकाशित। ‘मेहनत की रोटी’(बाल कहानी), ‘कमरा’ एवं ‘रंग-परिवर्तन’ (लघुकथा) तथा ‘आखिरी पड़ाव का दुःख’(कहानी) प्राइमरी एवं स्नातक स्तर के विभिन्न पाठ्यक्रमों में शामिल। सम्मान : अनुवाद के लिए भारतीय अनुवाद परिषद का ‘डॉ. गार्गी गुप्त द्विवागीश पुरस्कार-2016’। ‘माता शरबती देवी स्मृति पुरस्कार 1992’, ‘मंच पुरस्कार, 2000’, ‘श्री बलदेव कौशिक स्मृति सम्मान-2013’, ‘रंग बदलता मौसम’ कहानी के लिए राजस्थान पत्रिका द्वारा ‘सृजनात्मक साहित्य पुरस्कार, 2011’ से भी सम्मानित। संपर्क : डब्ल्यू जैड -61 ए/1, दूसरी मजिल, गली नम्बर -16, वशिष्ट पार्क, नई दिल्ली-110046, दूरभाष : 9810534373, ई-मेल : subhashneerav@gmail.com

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