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Nao din chale adhai kos

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राजीव सक्सेना ने फ़िल्म समीक्षा पटकथा लेखन और निर्देशन के क्षेत्र में विगत तीस वर्ष से सक्रिय रहकर अपनी जगह बनाई है |

25 वर्ष की उम्र से, राष्ट्रीय सहारा, संडे मेल, सन्डे आब्जर्वर, सरिता, धर्मयुग, साप्तहिक हिंदुस्तान, नवनीत, कादम्बिनी, फिल्मफेयर, स्क्रीन, दैनिक जागरण, दैनिक नई दुनिया, दैनिक भास्कर, नवभारत टाइम्स, दैनिक नवभारत आदि 25 से अधिक पत्रिकाओँ और अखबारों में 20 वर्ष सतत लेखन, 4 हजार से ज्यादा आलेख, इंटरव्यू, रिपोर्ताज फीचर आदि का प्रकाशन हो चुका है ।

दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर, दैनिक नवभारत जैसे आठ अखबारों, पत्रिकाओं में, प्रभारी संपादक,रविवारीय परिशिष्ट सिनेमा परिषशिष्ट, प्रांतीय समाचार प्रभारी और कला समीक्षक बतौर ढाई दशक तक कार्यरत ।

दूरदर्शन के लिए टेलीफ़िल्म 'केतकी' 'फ़िल्मी बतियां', 'हमारे आसपास' जैसे आधा दर्ज़न टीवी शोज में निर्देशन और लेखन, दूरदर्शन वृत्तचित्र 'मालवा का काश्मीर', 'देवास: कल, कला और अध्यात्म का संगम' और 'मालवा की विरासत' 'पाषाण विरासत का साक्षी' श्वेतक्रांति 2000, 'मालवा का कश्मीर' जैसी 12 लघु फिल्मो का लेखन निर्देशन इन्होंने किया है। एपिक चैनल के लिए लगातार दस टीवी शो का निर्माण, निर्देशन, लेखन किया पिछले दिनों 'सरोकार' और इन दिनों प्रति रविवार 'रसरंग बहार' टीवी शो का 18 जुलाई से एपिक पर प्रसारण रीजनल और मुख्य धारा के सिनेमा और टीवी धारावाहिकों के लिए लेखन और निर्देशन के क्षेत्र में सक्रिय हैं ।
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